ये खुदा तूने गुल को गुलशन मे जगा दी,
पानी को समंदर मे जगा दी,
तू उसे जन्नत मे जगा देना,
जिसने मुझे नो महीने अपने पेट मे जगा दी
तमन्ना करते हो जिन खुशियों की,
दुआ है वो खुशियाँ आपके कदमो मैं हों,
खुदा आपको वो सब हक़ीकत मैं दे,
जो कुछ आपके सपनों में हों.
अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गया
बातो के सिलसिले भी कम हो गया
खुशियो से जुआदा हमारे पास गम हो गया
क्या पता ये वक़्त बुरा है या बुरे हम हो गये..!!
अजब आरज़ू अनोखी तलब है,
तुझी से तुझ को माँगना चाहता हूँ
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल,
अभी तो पलके झुकाई है, मुस्कुराना बाकी है उनका ।।