मिलना और मिलाना कोशिश है मेरी,
हर कोई खुश रहे, यह चाहत है मेरी,
भले ही मुझे कोई याद करे या ना करे,
लेकिन हर अपने को याद
करना ये आदत हैं मेरी॥
राहे यूही गुजर जाएँगी ए ग़ालिब तेरी याद मे,
अब बस तू ये बता की कैसे जिए हम इस बहाल ए-ज़िंदगी…
ये जानकर हमे अच्छा लगता है,
करते है जो वादे हमसे वो सच्चा लगता है,
मुझे उनको अपने लिए परेशान करना अच्छा लगता है,
वो करते रहे मुझसे अपने प्यार का इकरार….
हर बार अनजान बन कर सुनना अच्छा लगता है..!!!
बेपरवाह मुहब्बत के , बस इतने फ़साने हैं
ताल्लुक नहीं रखते जो , हम उनके दीवाने हैं !
मत चाहो इतना किसी को की बाद में रोना पड़े क्योकि मेरे दोस्त,
ये दुनिया दिल से नहीं जरुरत से प्यार करती हैं..!!
सोचती हूँ इन सागर की लहरों को देखकर,
क्यों वो किनारे से टकरा कर लौट जाती है,
करती है ये किनारे से बेवफ़ाई,
या सागर से वफ़ा निभाती है.