माँगी मौत ज़िंदगी मिली,
अंधेरों मे भी रोशनी मिली,
पूछा खुदा से क्या है सबसे हसीन तोहफा मेरे लिए,
खुदा से उस तोहफे मे आपकी दोस्ती मिली.
आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते,
दिलसे आपको कैसे भुला पाते,
काश की आप सांसो के अलावा आईने मे भी बसे होते,
खुद को देखते तो आप ही नज़र आते.
अजनबी गलियों से हम गुज़रा नही करते,
दर्दे दिल लिया और दिया नही करते,
ये प्यारा सा रिश्ता सिर्फ़ आपसे है,
वरना इतना याद हम किसी को किया नही करते..
अब आँसुओं को आँखों मे सजना होगा,
चिराग़ बुझ गये खुद को जलना होगा,
ना समझना की तुमसे बिछड़के खुश हैं हम,
हमें लोगों की खातिर मुस्कुराना होगा..
आपकी सूरत मेरे दिल में ऐसे बस गयी है,
जैसे छोटे से दरवाजे में भैंस फंस गयी है।
वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते..!!