सलीक़ा हो अगर भीगी हुई आँखों को पढने का,
तो फिर बहते हुए आंसू भी अक्सर बात करते हैं।
तेरी आँखो के जादू से
तू खुद नही है वाक़िफ़,
ये उसे भी जीना सीखा देती हैं
जिसे मरने का शौक हो..!!
निगाहों के तक़ाज़े चैन से मरने नहीं देते,
यहाँ मंज़र ही ऐसे हैं कि दिल भरने नहीं देते,
क़लम मैं तो उठा के जाने कब का रख चुका होता,
मगर तुम हो कि क़िस्सा मुख़्तसर करने नहीं देते..!!
पी है शराब हर गली की दुकान से,
दोस्ती सी हो गयी है शराब की जाम से,
गुज़रे है हम कुछ ऐसे मुकाम से,
की आँखें भर आती है मोहब्बत के नाम से..!!
शराबी इलज़ाम शराब को देता हैं!
आशिक इलज़ाम शबाब को देता हैं!
कोई नहीं करता कबूल अपनी भूल...!
कांटा भी इलज़ाम गुलाब को देता हैं !!
नन्हे से दिल मे अरमान कोई रखना,
दुनिया की भीड़ मैं पहचान कोई रखना,
अच्छे नही लगते जब रहते हो उदास,
इन होटो पे सदा मुस्कान वही रखना.