आपकी दोस्ती को एक नज़र चाहिए,
दिल हे बेघर उसे एक घर चाहिए,
बस यूही साथ चलते रहो ए दोस्त,
यह दोस्ती हमें उमर भर चाहिए..!!
बनकर एहसास मेरी धड़कन के पास रहती हो,
बनकर तस्वीर मेरी आंखो के पास रहती हो,
एक बात तो बताओ आज पूछता हूं तुमसे
क्या मेरे बिना तुम भी उदास रहती हो..!!
आख़िर और क्या चाहती हैं ये गर्दिश-ए-आयाम,
हम तो अपना घर भूल गये उनकी गली भूल गये!
आप का आशियाना दिल मे बसा रखा है,
आप की यादो को सीने से लगा रखा है,
पता नही याद आते है आप ही की क्यो?
वैसे दोस्त तो हमने औरो को भी बना रखा है
तेरी हर खबर की खबर हम लेते हैं,
फिर भी ना जाने क्युं तुम हमसे नजरें फेर लेते हैं ।
आज तुम पर आँसुओ की बरसात होगी,
फिर वोही अंधेरी काली रात होगी,
याद ना करके तुमने दिल दुखाया हैं मेरा,
जा तेरे बदन मे खुजली सारी रात होगी!