ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में;
मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी;
मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा;
और मेरी जान पैदल होगी!
हस कर भी देख लिया, रो कर भी देख लिया,
किसी को पा के खो कर भी देख लिया,
प्यार भी किया ओर ये जान भी लिया,
ज़िंदगी वो ही जी सकता है,
जिसने अकेले जीना सिख लिया
मै बैठूंगा जरूर महफ़िल में, पर पीऊंगा नही,
क्योंकि मेरा ग़म मिटा दे, इतनी शराब की औकात नही!!