इतने सालों के इंतेजर के बाद,
आज मे खुशी से समुंदर भर दू,
तुम्हारे ईश हा सुनने के बाद,
कही इस समुंदर मे ही डूब ना जाओ..
तेरी यादों ने मुझे क्या खूब मशरूफ किया है ऐ सनम..
खुद से मुलाकात के लिए भी वक़्त मुकर्रर करना पड़ता है..!!
सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकर,
आपके हर इक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर,
लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मेरी मोहब्बत,
चाहे कर दो इनकार अंजान होकर...!!
चाँद को तोड़ दूँगा,
सूरज को फोड़ दूँगा,
तू एक बार हाँ कर दे बस,
पहले वाली को छोड़ दूँगा..!!
मोहब्बत खुद बताती है, कहाँ किसका ठिकाना है,
किसे आँखों में रखना है, किसे दिल में बसाना है..!!
सीने से लगा के सुन वो धड़कन,
जो हर पल तुझसे मिलने की ज़िद करती है....!