उठा हुआ हर हाथ दुआ के लिए नही होता,
झुका हुआ हर परदा हवा के लिए नही होता,
अपनी ग़लतियों से भी चिराग बुझ जाते है अक्सर,
कसूर हवा का हर बार नही होता.
ये दिल कही ले चल तेरा बड़ा करम होगा,
ना हम होंगे ना कोई गम होगा,
उनको तकलीफ़ होती है मेरी मोहब्बत से,
हम ही ना होंगे तो उनका थोड़ा दर्द तो कम होगा..!!
जाने लोग मोहब्बत को क्या क्या नाम देते है,
हम तो तेरे नाम को ही मोहब्बत कहते है !