हम ने बस एक खता कर दी
मुहाबत को मशहूर कर दिया,
लगता है खुद ही की नज़र लग गई,
की खुद ने उनको हमसे दूर कर दिया...!!
दिल तड़पता है इक ज़माने से,
आ भी जाओ किसी बहाने से,
बन गये दोस्त भी मेरे दुश्मन,
इक तुम्हारे क़रीब आने से..!!
मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है...
कशिश तोह बहुत है मेरे प्यार मैं,
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलाता नहीं,
अगर मिले खुद तो माँगूंगा उसको,
सुना है ख़ुदा मरने से पहले मिलते नहीं...
उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी हैं,
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं,
क्या हुआ अगर देख कर मूंह फेर लेते हैं वो..
तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी हैं!
यू तो महरूम मोहब्बत है ये,
जाने कैसी अधूरी शिद्दत है ये,
वो मेरे होकर भी मेरे नही,
ये खुदा कैसी चाहत है ये.