तरस रहे हैं बड़ी मुद्दतों से हम,
अपनी मुहब्बत का इज़हार लिख दो,
दीवाने हो जाएँ जिसे पढ़ के हम,
कुछ ऐसा तुम एक बार लिख दो।
जिस्म तो बहुत संवार चुके रूह का सिंगार कीजिये,
फूल शाख से न तोडिये खुशबुओं से प्यार कीजिये.
Aaj Khushiyon Ki Koi Badhai Dega,
Nikla Hai Chand To Dikhai Dega,
Ae Dost Dosti Ki Hai Humne Aapse,
Aapka Ek Aansu Bhi Ghira To Sunai Dega..
आपकी जुदाई ने हमें शायरी सीखा दी,
जुदाई के गम ने हमें मंज़िल भुला दी,
चाहते तो नहीं थे आपसे जुदा होना पर
क्या करें अगर हमें अपनो ने ही पीठ दिखा दी..!!
आँखो मे समा जाओ
इस दिल मे रहा करना,
तारों मे हसा करना
फूलों मे खिला करना,
अब बात जो करनी हो
आँखों से कहा करना…
कैसे भुला पाएगा वो मेरी बरसौ की चाहत को,
दरिया अगर सूख भी जाए तो रेत से नामी नही जाती..!!