भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत,
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है...
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना,
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है.!!!
कैसी है यह हमारी तक़दीर,
हर तरफ दागा ही पाया है.
दिल मे तो है प्यार ही प्यार लेकिन,
हर तरफ बेवफाओ को ही पाया है.