सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम..
जीने के बावजूद भी, मर जाते हैं कुछ लोग...!!
उस दिल की बस्ती में आज अजीब सा सन्नाटा हैं ,
जिस में कभी तेरी हर बात पर महफ़िल सज़ा करती थी।
मुझे सहल हो गई मंजिलें वो हवा के रुख भी बदल गये,
तेरा हाथ, हाथ में आ गया कि चिराग राह में जल गये..!!
कल रात ख्वाब में आपकी तस्वीर बना डाली,
इतनी अच्छी लगी कि दिल से लगा डाली,
जब हुआ खौफ़ कि कोई चुरा न ले उसे
तो इतना रोए कि अपने आंसुओं से ही मिटा डाली..
इस दिल से आपको भुला नही सकते,
ऐसा क्यूँ है ये बता नही सकते,
मुश्किल तो ये है की आप यकीन नही करते,
और अफ़सोस हम यकीन दिला नही सकते..
सलीका परदे का बड़ा अजीब रक्खा है,
निगाहें जो क़ातिल हैं उन्हें ही ख़ुला रक्खा है..!!