ना दिन का पता था ना रात का,
एक जवाब दे रब मेरी बात का,
कितने दिन बीत गये उस से बिछड़े हुवे,
ये बता दे कौन सा दिन रखा हैं हमारी मुलाकात का...
सड़क कितनी भी साफ हो “धुल” तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो “भूल” तो हो ही जाती है !!!
तुम कुछ ना कर सकोगे मेरा,
मुझसे दुश्मनी कर के,
मोहब्बत कर लो मुझ से
अगर मुझे मिटाना ही चाहते हो...!!
आँखों में ना हमको ढूंढो सनम
दिल में हम बस जाएँगे..!!
तमन्ना है अगर मिलने की तो,
बंद आँखों में भी हम नज़र आएँगे..!!
जब वफा की बात आये तो,
हमने दिल निकालकर हथेली पर रख दिया,
वो कहने लगे कोई और बात करो,
ऐसे खिलोनो से हम रोज़ खेलते हैं.
तुम से बिछड़ के जीना अच्छा नहीं लगता,
फासलों मे जीना अच्छा नहीं लगता,
हम तुम्हे हर पल याद करते है,
ये बात बार बार बोलना भी अच्छा नहीं लगता..!!