एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,
पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है,
जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर..!!
आज बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई वो,
कभी जिसने कहा था "तेरे जैसे हज़ारो मिलेंगे.."
जिस्म की दरारों से रूह नज़र आने लगी
बहुत अंदर तक तोड़ गया मुझे इश्क़ तेरा..!!
चुप रहते हैं कि कोई खता ना हो जाए
हमसे कोई रुसवा ना हो जाए
बड़ी मुश्किल से कोई अपना बना है
मिलने से पहले ही कोई जुदा ना हो जाए..!!
मोहब्बत मैं करने लगा हूँ,
उलझनों में जीने लगा हूँ,
दीवाना तो मैं था नही लेकिन,
तेरा दीवाना बनने लगा हूँ..!!
हिचक़ियो से इस बात का एहसास होता है
शायद हमें भी कोई कहीं याद करता है
बेशक मुलाक़ात नही होती मगर
कुछ लम्हे हम पर बर्बाद तो करता है