खामोशी और तन्हाई हमें प्यारी हो गई है,
आजकल रातों से यारी हो गई है,
सारी सारी रात तुम्हें याद करते हैं,
शायद तुम्हें याद करने की बीमारी हो गई है..!!
आपसे रोज़ मिलने को दिल चाहता है,
कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है,
था आपके मनाने का अंदाज़ ऐसा,
कि फिर रूठ जाने को दिल चाहता है..!!
दरख़्त ऐ नीम हूँ, मेरे नाम से घबराहट तो होगी,
छांव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कड़वाहट तो होगी.
प्यार एक खूबसूरत एहसास हैं,
इसको अपने दिल में छिपाये,
ये कोई बिकाऊ चीज नहीं इसलिए
दूसरों को बताकर इसकी नुमाइश ना लगाये..!!
पगली डिगरीयाँ मिलती होगी तेरे काॅलेज में
पर तजुरबे तो हमारी महफिलों से ही मिलते है...
उसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती हैं,
उसकी आँखें हमें दुनिया भुला देती हैं,
आएगी आज भी वो सपने मैं यारो,
बस यही उम्मीद हमें रोज़ सुला देती हैं...