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*रात भर मैं और तेरी यादे...दोनों इकट्ठे रहे,*



*और नींद बेचारी अकेली ही मेरा इंतजार करती रही..!*
Babu

दर्द ऐ दिल की आह, तुम ना समझ सकोगें कभी
हर दर्द का मातम, सरेआम नही हुआ करता!

मेरे लफ्जो के मोती अगर उस तक पहुँच जाये तो.....
"बस" इतना कह देना,,...!
हम जैसे लोग खो जाये तो दुबारा नही मिलते...
babu

उन्होंने वक़्त समझकर गुज़ार दिया हमको

उन्होंने वक़्त समझकर गुज़ार दिया हमको..

और हम..

उनको ज़िन्दगी समझकर आज भी जी रहे हैं..!!