अपनी कमजोरियो का जिक्र कभी न करना
जमाने से लोग कटी पतंग को जम कर लुटा करते हैँ॥
हर एक अदा मस्तानी है ये किसी शायर की रंगीन कहानी है,
हिरनी की तरह ये चलती है शमा की तरह ये जलती है।।
तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं,
मेरी अंधेरी रातों के उजाले हैं,
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का,
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं..!!
आँख मूंद जाए तो सपना तुम्हारा हो,
आँख खुल जाए तो मुखड़ा तुम्हारा हो,
काश मुझे मौत आ जाए मैं मार जाऊं,
अगर कफ़न भी मिले तो वो आँचल तुम्हारा हो..
आज हम उन्हे बेवफा बता कर आए है,
उनके खतों को पानी में बहाकर आए है,
कोई निकल कर पढ़ ना ले उन्हे,
इसलिए पानी में भी आग लगाके आए है..!!
मत किया कर अपने दर्द को शायरी में बया
लोग और टूट जाते है हर लफ्ज को अपनी दास्तान समझ कर..