"दिनभर दर्द छुपाने वालों का सब्र,
आखिर रात को टूट ही जाता है!
जहाँ चुप कराने भी कोई नहीं आता!!
"में एक शायर तो नहीं,
पर मेरी शायरियों की देन,
सिर्फ तुम हो!!
"प्यार वो तोहफा है,
जिसे इंसान रख तो लेता है....
"पर संभाल नहीं पाता!!
इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए..
मेरे से न मिल पाओ तो,
मेरे ख्वाबों से मिल लेना!
हूबहू मेरे जैसे ही हैं!!
"अकेले कैसे रहा जाता है,
कुछ लोग जिंदगी में,
यही सिखाने आते हैं!!