महफ़िल मैं हँसना मेरा मिज़ाज़ बन गया,
तन्हाई मैं रोना एक राज़ बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से ज़ाहिर ना होने दिया,
यही मेरे जीने का अंदाज़ बन गया.
उतरा है मेरे दिल में कोई चाँद नगर से,
अब ख़ौफ़ ना कोई अँधेरो के सफ़र से,
वो बात है तुझमे कोई तुझसा नही,
काश कोई देखे तुझे मेरी नज़र से.
झूठी मोहब्बत, वफा के वादे...
साथ निभाने की कसमें..
कितना कुछ करते हैं लोग..
सिर्फ वक्त गुजारने के लिए!
खुदा की रहमत सारे संसार पर बरसे,
मेरे हिस्से की रहमत मेरे यार पर बरसे,
आए खुदा मुझे कर देना पानी,
अगर मेरा यार कभी प्यास से तरसे..
Aaj bhi ek sawaal hai dil mein,
Pyaar ka gum be-shumaar hai dil mein,
kuch keh nahin pata yeh dil magar,
Kisi ke liye bahut pyar hai is dil mein.
हर रोज़ एक ही जैसी सुबह ओर एक ही जैसी शाम लगती है ..
ये क़ुदरत भी अब तो copy-paste ये जैसी लगती हे ..