इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं,
गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं,
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत,
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट
पाने के लिए तरसते हैं!
दिल चाहता है ज़माने से छुपा लूँ तुझको,
दिल की धड़कन की तरह दिल में बसा लूँ तुझ को,
कोई एहसास जुदाई का न रह पाये,
इस तरह खुद में मेरी जान छुपा लूँ तुझको,
ख्वाब हमारे टूटे तो हालत कुछ ऐसी थी,
आँखे पल पल रोती थीं, किस्मत हँसती रहती थी..
इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार-ए-इश्क तो ख्वाहिश बन जाती है,
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ,
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
वो है अपने देखें हो मैने जैसे झूठे सपने,
किससे कहें सब के सब दुख खुद ही सहें,
हे अनजानी जीवन की कहानी किसने जानी,
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे..!!
बरबाद कर देती है मोहब्बत,
हर मोहब्बत करने वाले को,
क्योंकि इश्क़ हार नही मानता,
और दिल बात नही मानता..!!