हम ज्यादा हँसते नहीं आज–कल दोस्तों
अपनी बदनसीबी से डर लगता है!
मुस्कराने से कहीं उन्हें तकलीफ न हो
बेवफा दर्द-ए-दिल कहाँ समझता है..!!
अमीर तो हर गली में मिल जाते हैं साहब,
पर ये जमीर वाले बमुश्किल ही मिला करते हैं!!
मेरे हांथों में जाम के प्याले है
मेरी ज़िन्दगी तेरे हवाले है
न रौंद तू इस तरह मेरी चाहत को ज़ालिम
मेरे दिल में तेरी मोहोब्बत के छाले है..!!
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं।
कागज की कश्ती से पार जाने की ना सोच,
उड़ते हुए तूफानों को हाथ लगाने की ना सोच,
ये मोहब्बत बड़ी बेदर्द है इससे खेल ना कर,
मुनासिब हो जहाँ तक दिल बचाने की सोच..!!
Jab tum aayine ke paas jate ho,
To aayina kehta hai Beautiful Beautiful,
Jab tum aayine se door jate ho,
To aayina kehta hai April Fool April Fool..!!
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है...
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।