Aaj halji halki baarish hai,
Aaj sard hawa ka raqs bhi hai,
Aaj phoos bhi nikhre nikhre hain,
Aaj un main tumhara aks bhi hai…
चाहे मर्जी जितनी तुम रूठी रहो पर ये ना भूलना,
साथ एक साया तुम हरदम पाओगे,
मुड़के देखोगे तो तन्हाई होगी,
अगर महसूस करोगे तो हमे पाओगे……
दे सलामी इस तिरंगे को
जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका
जब तक दिल मे जान है.
अगर तुम देखो आइना,
तो अपने आप से नज़रें चुरा लेना,
के अक्सर बेवफा लोगों को,
जब वो आईना देखें,
आखें चोर लगती हैं…!
ख़्वाब सजाकर उसका इंतज़ार करता रहा मैं,
इसी तरह एक बेवफ़ा से प्यार करता रहा मैं..!!
सुना है तेरे शहर का मौसम बड़ा सुहाना हो रहा है,
अगर इजाजत हो तो एक शाम चुरानी है..!!
इश्क़ ही ख़ुदा है सुन के थी आरज़ू आई,
ख़ूब तुम ख़ुदा निकले वाक़िये बदल डाले।