हम तो मज़ाक में भी किसी को दर्द देने से डरते हैं,
ना जाने लोग कैसे सोच समझकर दिलों से खेल जाते हैं.
बहुत नज़दीक होके भी वो इतना दूर है मुझसे,
इशारा हो नही सकता और पुकारा जा नही सकता.
ऐ दिल तू क्यों रोता है,
ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है!
सोच कर रखना हमारी सलतनत मैं कदम,
हमारी "मोहब्बत" की क़ैद में ज़मानत नही होती.
मैंने दरवाज़े पे ताला भी लगा कर देखा लिया,
पर ग़म फिर भी समझ जाते है की मैं घर में हूँ!!
Kya Tum Jante Ho Mere DiL Ki Halat ??
Chalo Choro , Jaane Do….. Jante Hote To Hamare Hote!