मोहब्बत खुद बताती है, कहाँ किसका ठिकाना है,
किसे आँखों में रखना है, किसे दिल में बसाना है..!!
सुकून मिलता है दो लफ्ज़ कागज पे उतार कर,
कह भी देता हूँ और आवाज भी नहीं होती..!!
Zindagi yu hi nikal gai isi pashopesh me
kuch achcha kama lenge to zindagi aram se jiyenge
आसान नही आबाद करना घर मोहब्बत का,
ये उनका काम हे जो ज़िदगी बरबाद करते हैं..!!
पहली ही मुलाकात थी और हम दोनो नाकामयाब..
उनसे ज़ुल्फ़ें न सम्भल सकीं हमसे दिल ना सम्भल सका..!!
कुछ पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के,
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया..!!