दुआओ को भी अजीब इश्क है मुझसे…
वो कबूल तक नहीं होती मुझसे जुदा होने के डर से..
हमने कब माँगा है तुमसे वफाओं का सिलसिला,
बस दर्द देते रहा करो, मोहब्बत बढ़ती जायेगी।
सुना है तेरे शहर का मौसम बड़ा सुहाना हो रहा है,
अगर इजाजत हो तो एक शाम चुरानी है..!!
काश तुम्हारे इजहार से उन्हें एतराज ना होता,
तुम वफा करते और उन्हें प्यार ना होता |
सारा कसूर तेरे बालो से टपकती इन बूंदों का है,
जिसने मेरे ख्वाबों को दरिया बनाये रखा है..!!
सीने से लगा के सुन वो धड़कन,
जो हर पल तुझसे मिलने की ज़िद करती है....!