सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम..
जीने के बावजूद भी, मर जाते हैं कुछ लोग...!!
शेर-ओ-शायरी तो दिल बहलाने का एक जरिया है साहिब,
लफ्ज कागज पर उतरने से, महबूब लौटा नहीं करते….!!
वक्त पे दिल खोल लिया होता यारो के साथ
तो आज खोलना ना पड़ता हॉस्पिटल में औजारो के साथ
मेरी ज़िंदगी मेँ खुशियाँ तुम्हारे बहाने से हैँ..
आधी तुम्हें सताने से है आधी तुम्हें मनाने से है..!!
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे..
मगर हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो...
दिल तो तोड़ा था मैंने पर उनका नहीं , खुद का।
खता माफ करना ऐ खुदा, उनकी खुशी खुद से ज्यादा प्यारी है मुझे।