2 Line Shayari

नफ़रतो के जहाँ में हमको प्यार की बस्तियाँ बसानी हैं,
दूर रहना कोई कमाल नही पास आओ तो कोई बात बने.

सलीका परदे का बड़ा अजीब रक्खा है,
निगाहें जो क़ातिल हैं उन्हें ही ख़ुला रक्खा है..!!

आप पहलू में जो बैठें तो संभल कर बैठें,
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की।

मुझे सहल हो गई मंजिलें वो हवा के रुख भी बदल गये,
तेरा हाथ, हाथ में आ गया कि चिराग राह में जल गये..!!

तुम मेरी ज़िंदगी में शामिल हो ऐसे,
मंदिर के दरवाज़े पर मन्नत के धागे हों जैसे।

वो अपनी जिंदगी में हो गए मसरूफ इतने,
किस किस को भूल गए अब उन्हें भी याद नहीं।