2 Line Shayari

मोहब्बत में रह के जिनका ये इलन है की वो मज़े में है,
या तो वो फकीर है या फिर नशे में है..!!

एक सवाल पूछता हूँ में जिंदगी से,
मैने सच मे मोहब्बत की थी या टूटा हुआ सपना था मेरा

खुश नसीब होते हैं बादल जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं.

कल तक उड़ती थी जो मुँह तक आज पैरों से लिपट गई ,
चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की धूल की फ़ितरत ही बदल गई..!!

प्यार में अंजाम की फिकर किसे होती है,
जो भी हो वो दिलो की तकदीर होती है

आईना आज फिर रिश्वत लेआ पकडा गया,
दिल में दर्द था और चेहरा हसंता हुआ पकडा गया