Dard Shayari

हम उम्मीदों की दुनिया बसते रहे

हम उम्मीदों की दुनिया बसते रहे
वो भी हर कदम पर हमे आजमाते रहे
जब मोहब्बत मे मारना पड़ा
हम मार गए वो बहाने बनाते रहे!

एह्सन किसी का वो रखते नही

एह्सन किसी का वो रखते नही
मेरा भी लौटा दिया...
जितना खाया था नमक मेरा
मेरे ही जख़्मो पे लगा दिया!

ऐ सागर इतना नमक तुझमें किसने सँजोया होगा

ऐ सागर! इतना नमक तुझमें किसने सँजोया होगा,
कोई तो है जो साहिल पर बैठकर सदियों तक रोया होगा!

उठाकर फूल की पत्ती उसने बङी नजाकत से मसल दी इशारो इशारो

उठाकर फूल की पत्ती उसने बङी नजाकत से मसल दी, इशारो इशारो मेँ कह दिया की हम दिल का ये हाल करते है..

तेरे लिए तो हूँ मैं बस वक़्त का एक बुलबुला

तेरे लिए तो हूँ मैं बस वक़्त का एक बुलबुला,
जितना जीना था जी लिया, लो अब मैं चला |
तुझे याद करता हूँ तो बढ़ जाती है तकलीफ़ें,
ऐ ज़िन्दगी तू यहीं ठहर, लो अब मैं चला |

*रात भर मैं और तेरी यादे...दोनों इकट्ठे रहे,*



*और नींद बेचारी अकेली ही मेरा इंतजार करती रही..!*
Babu