दिल ने हमें दीवाना बना दिया,
रोए न थे कभी आप ने रुला दिया,
हमने तो हर वक्त याद किया हैं आपको,
लेकिन आपने याद करने में ज़माना लगा दिया!
हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में..
कुछ दर्द चले जाते है सिर्फ मुस्कुराने में...!!!
आरजू नहीं के ग़म का तूफान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है तेरा दिल न बदल जाये,
भुलाना हो अगर मुझको तो एक एहसान करना,
दर्द इतना देना कि मेरी जान निकल जाये..!!
इस दिल से आपको भुला नही सकते,
ऐसा क्यूँ है ये बता नही सकते,
मुश्किल तो ये है की आप यकीन नही करते,
और अफ़सोस हम यकीन दिला नही सकते..
शराबी इलज़ाम शराब को देता हैं!
आशिक इलज़ाम शबाब को देता हैं!
कोई नहीं करता कबूल अपनी भूल...!
कांटा भी इलज़ाम गुलाब को देता हैं !!
आरजू ये नही की गम का तूफान टल जाए,
फिकर तो ये है आपका दिल ना बदल जाए,
कभी मुझको अगर भूलना चाहो तो,
दर्द इतना देना की मेरा दम निकल जाए.