दर्द का एहसास जानना है तो प्यार कर के देखो,
अपनी आँखों मैं किसी को उतार कर देखो,
चोट उन को लगे गी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,
ये एहसास जानना हो तो दिल हार कर देखो
दिल मे तमन्नाओं को दबाना सीख लिया,
गम को आँखों मे छुपाना सीख लिया,
मेरे चहरे से कहीं कोई बात ज़ाहिर ना हो,
दबा के होठों को हमने मुस्कुराना सीख लिया…
इन ख़ामोशियो में इतनी गहरी आहटें हें,
जैसे कोई उलझ रहा हो अपने ही सवालो में..
या फिर कोई तलाश रहा हो खुद को
इन सिमटी हुई तन्हाई यों में
तेरे इश्क़ की दुनियाँ मे हर कोई मजबूर है,
पल मे हसी पल मे आँसू ये चाहत का दस्तूर है,
जिसे मिली ना मोहब्बत उसके ज़ख़्मो का हिसाब नही,
यहाँ महबूब पाने वाला भी दर्द से कहा दूर है.
ना वो सपना देखो जो टूट जाए,
ना वो हाथ थामो जो छूट जाए,
मत आने दो किसिको इतना करीब के,
उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाए..
बिना बताए उसने ना जाने क्यों ये दूरी करदी,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी करदी,
मेरे मुक़द्दर में ग़म आए तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाइश तो पूरी कर दी…