है ग़मों का ख़ौफ़ तो ज़रा भी ना हमें
ये जुमला कहते हुए, अक्सर कुछ दोस्त मेरे,
दर्द-अो-ग़म न मिलने की दुआ करने
मेरे साथ ही सीढ़ियाँ मस्जिद की चढ़ जातें हैं
- अजय दत्ता
नाज़िरीन ख़ुदा है
मेरी शिद्दत-ए-इबादत का,
ऐ दुनिया वालों ये
नज़ारा तुम्हारे लिए बना नहीं है
- अजय दत्ता
तमन्ना करते हो जिन खुशियों की,
दुआ है वह खुशिया आपके कदमो मे हो,
खुदा आपको वह सब हक़ीक़त मे दे,
जो कुछ आपके सपनो में हो..
यक़ीनन तुम तो ग़लती से
इश़्क के मंदिर में चले आए हो,
तुम तो हासिल का ख़्याल
ज़हन-अो-दिल में भर के लाए हो
देखो, अभी तुम तैयार नहीं
इश़्क समझ लो अौर निभा सको,
आना जब बना लो मन की
बस अब ख़ुद को लुटाने आए हो
- अजय दत्ता
सच्चे दिल से तुझ से की गई
हर गुफ़्तुगू ऐ ख़ुदा, रुलाती है,
शायद इसलिए ही ये दुनिया
उस गुफ़्तुगू को दुआ बुलाती है
- अजय दत्ता
लौट आती है हर बार मेरी दुआ खाली,
जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है।