Hum dosto ko jaan samjhate hai…. hum dosto ko humrah samjhate hai… dost hame bewafa samjhe to kya huwa… hum dosto ki parchaye banate hai…
माना की तेरे शहर में ग़रीब कम होंगे,
अगर बिकी तेरी दोस्ती तो पहले खरीदार हम होंगे,
तुझे खबर ना होगी अपनी कीमत की,
पर तुझे पा के सबसे अमीर हम होंगे…
दोस्त साथ हो तो रोने में भी शान है,
दोस्त ना हो तो महफिल भी शमशान है,
सारा खेल दोस्ती का है ऐ मेरे दोस्त,
वरना जनाजा और बारात एक ही समान है!
वक्त के पन्ने पलटकर फ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है,
कभी मुस्कुराते थे सभी दोस्त मिलकर,
अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है
In Jindagi Ke Toofano Ka Saahil Hai Teri Dosti
Dil ke Armaano Ki Manzil Hai Teri dosti
Yeh Duniya Ban Jayegi Jannat Meri
Agar Maut Aane Tak Sath Hai Teri Dosti
Phoolon ki wadi me ho basera tera
sitaron ke aangan mein ho ghar tera
dua hai ek dost ki ik dosti ka
k tujh se bhi khubsurat ho naseb tera…