लम्हों की एक किताब है जिंदगी,
सांसों और ख्यालों का हिसाब है जिंदगी,
कुछ जरूरते पूरी, कुछ ख्वाइशें अधूरी,
बस इन्हीं सवालों का जवाब है जिंदगी!
आसमा में मत ढूंडो सपनों को
सपनों के लिए जमी भी जरूरी है,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का मजा क्या..
जीने के लिए एक कमी भी जरूरी है।
रिश्तों पर रुपयों की किश्ते जोड़ देते है,
खाली हो जेब तो अपने हर रिश्तें तोड़ देते है।
जब भी देखती हूँ किसी गरीब को हँसते हुए,
तो यकीन आ जाता है कि खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता।
रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे,
जब हर साजीश के पिछे अपने निकलेंगे।
गुस्सा मत पालो बैर मत पालो
जो भी आए मुँह पर सीधा कह डालो
दुखता हैं तो दुख जाए दिल किसी का
हमने ठेका नही लिया हर किसी का
रखो गुरूर खुद की इस बात का
दिल में नही रहता द्वंद किसी बात का
जो आता हैं दिल मे वो जुबान तक जाता है
हमे अंदर ही अंदर घुटना नही आता हैं
मै नहीं हूँ इतना हसीन कि हर किसी के दिल मे बस जाऊ!!
मगर जिस के साथ चल पड़ू उसी के नाम जिंदगी कर देता हूँ,!!
*सम्राट कि कलम से*
Samrat Shubham Ahirwar
मत हार जिंदगी से जिंदगी का भी एक मुकाम होगा,
ख्वाहिशो का समुन्दर आज नहीं तो कल तेरे नाम होगा,,
*सम्राट कि कलम से*
टूटी कलम थी? सियाही ख़त्म थी? या
इस के पन्नों को समझ के भरा तूने भुला दिया?
वजह कोई वाजिब ख़ुदा बता जो तूने
मेरी किताब-ए-तक़दीर को यूँ कोरा बना दिया..
- अजय दत्ता