हर सुबह तेरी मुस्कुराती रहे,
हर शाम तेरी गुनगुनाती रहें,
मेरी दुआ है कि तू जिसे भी मिलें,
हर मिलने वाले को तेरी याद सताती रहें.
दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद,
वक्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं,
मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंज़र
रुबरू होने पर सलाम किया करते हैं..!!
हर शाम कह जाती है एक कहानी,
हर सुबह ले आती है एक नई कहानी,
रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन,
मंजिल रह जाती है वही पुरानी..!!
शम्मा परवाने को जलना सिखाती है,
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
क्यों कोसते हो पत्थरों को जबकि
ठोकरें ही इंसान को चलना सिखाती हैं..!!
दिल जीत लु वो नजर मै भी रखता हूँ,
भीड में नजर आऊ वो हुनर रखता हूँ,
वादा किया है मैने मुस्कराने का वरना,
इन आँखो मैं समंदर मै भी रखते है..!!
तुम्हारे बिन हमें ये जिन्दगी अच्छी नहीं लगती,
सनम तेरी निगाहों की नमी अच्छी नही लगती,
मुझे हासिल हुई दुनियां की दौलत और ये शोहरत,
मिला सब कुछ मगर तेरी कमी अच्छी नहीं लगती..!!