वो शब्द जो कोई बात कह जाए,
एक ग़ज़ल जो वो नया रूप दे जाए,
वो कश्ती जो साहिल तक पहुचाए,
सपनों की नगरी मे कोई अपना मिल जाए !
खुद की तकलीफों को भुला कर, उन्हें मुस्कुराना सीख ले।
अगर किया जो मोहब्बत है, तो उसे निभाना सीख ले।
हर गम में मिलेगी छुपी हुई खुशी तुझे।
बस एक बार गमों से दिल लगाना सीख ले।
#विशाल_सिंह
ना आता है इजहार करना..!
दिल ये नादान बरा है कर बैठा है प्यार।
अब ये परेशान बरा है।
कबूल करले वो दिल-ऐ-मोहब्बत हमारी।
हर ख्वाहिशों मे बस यही एक अरमान रहा है।
ना आता है इजहार करना..!
शायद कुछ हुआ
देखा था जब उन्हें
मीठा मीठा दर्द
दिल मे जगा था मेरे
थी एक अजीब सी बेचैनी
कहीं खो ना दू उन्हें
करू भी तो क्या
की पा लू मै उन्हें
हर वक्त बस ख्याल उन्हीं का था
जरा अजीब, पर सवाल जिंदगी का था
आखिर हुआ क्या है मुझे
शायद कुछ हुआ
दिल ने कहा था मेरे
शायद कुछ हुआ
डरता हूँ कहने से की मोहब्बत है तुम से,
कि मेरी जिंदगी बदल देगा तेरा
इकरार भी और इनकार भी..!!
मेरी दीवानगी की कोई हद नहीं,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं,
में हूँ फूल तेरे गुलशन का,
तेरे सिवा मुझ पे किसी का हक़ नहीं..