Love Shayari

"उड़ गए वो परिंदे ये कहकर...........

बेगानों के शहर में घोंसले नहीं बनाया करते!!

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए..

हमारे ज़ख़्मो की वजा भी वो है

हमारे ज़ख़्मो की वजा भी वो है,
हमारे ज़ख़्मो की दवा भी वो है,
वो नमक ज़ख़्मो पे लगाए भी तो क्या हुआ
मुहब्बत करने की वजह भी तो वो है

"दिनभर दर्द छुपाने वालों का सब्र,
आखिर रात को टूट ही जाता है!
जहाँ चुप कराने भी कोई नहीं आता!!

उनकी आँखो से काश कोई इशारा तो होता

उनकी आँखो से काश कोई इशारा तो होता,
कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता,
तोड़ देते हम हर रस्म ज़माने की,
एक बार ही सही उसने पुकारा तो होता

नन्हे से दिल मे अरमान कोई रखना

नन्हे से दिल मे अरमान कोई रखना,
दुनिया की भीड़ मैं पहचान कोई रखना,
अच्छे नही लगते जब रहते हो उदास,
इन होटो पे सदा मुस्कान वही रखना.