मेरी आरज़ू तमन्ना पहली मोहब्बत हो तुम,
तुम्हें चाहते चाहते यु ही मिट जाएंगे हम,,
मेरी आरज़ू तमन्ना पहली मोहब्बत हो तुम,
तुम्हें चाहते चाहते यु ही मिट जाएंगे हम,,
*सम्राट कि कलम से*
Samrat Shubham Ahirwar
मै मुसाफ़िर सा, तु राहो सा मेरी..
मै हूँ लहरों सा, तु किनारों सा मेरी..
मिल गई नज़रे, नज़रो कि क्या खता..
कैसे समझाऊ, दिल तुझको ये बता..
''तेरी अदाएँ, कातिलाना...
कर गयी है, मुझे दिवाना...
जबसे देखी है, सुरत ये तेरी..
हो गया हूँ, खुद से बेगाना..''
*सम्राट कि कलम से*
Samrat Shubham Ahirwar
मेरी बेरंग दुनिया मे प्यार का रंग भर दिया,
मुझे मुझसे चुरा कर अपना बना लिया,
*सम्राट कि कलम से*
Samrat Shubham Ahirwar
एक तमना थी जो अब हसरत बन गई,
कभी दोस्ती थी अब मोहब्बत बन गई,
कुछ इस तरह शामिल हुए तुम ज़िंदगी में के…
तुम को सोचते रहना मेरी आदत बन गई।
नजरे ये ढ़ूढ़ॆ बस एक तुझको हर पल तेरा इंतजार है,
हुआ मै पागल तेरा दिवाना होने लगा मुझे पहला प्यार है,,
*सम्राट कि कलम से*