हमने तो नफरतो से ही सुर्खिया बटोर ली जनाब
सोचो अगर मोहब्बत कर लेते तो क्या होता
मयखाने की इज्जत का सवाल था
बाहर निकले तो हम भी
थोडा लड़खड़ा के चल दिए...
" कर दो तब्दील अदालतों को मयखानों में माई लार्ड,
सुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता है और ना ही जजमेंट देता है "...
*याददाश्त का कमज़ोर होना बुरी बात नहीं है जनाब*
*बड़े बेचैन रहते है वो लोग जिन्हे हर बात याद रहती हैं....!!
जिन्होंने आपका संघर्ष देखा है,
सिर्फ वही आपके कामयाबी की कीमत जानते है
अन्यथा औरों के लिए,
आपकी किस्मत बहुत अच्छी है।
एक भी दिन न निभा सकेंगे वो मेरे किरदार,
वो लोग जो मशवरे देते हज़ार