उनका भी कभी हम दीदार करते है,
उनसे भी कभी हम प्यार करते है,
क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,
पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!
तुम्हारी याद के सहारे जिए जाते हैं
वरना हम तो कब के मर गए होते
जो जख्म दिल में नासूर बन गए
जख्म वो कब के भर गए होते।
मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने,
उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने,
मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको,
बातों बातों में बात टाल दी उसने..!!
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करती हूँ,
यह वो गुनाह है जो मैं बार बार करती हूँ,
जलाकर हसरत की राह पर चिराग,
मैं सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करती हूँ....
एक हल्की सी हवा ने मुझे इस कदर छुआ,
ना जाने क्यों लगा जैसे की मुझे कुछ हुआ,
पलकों पे बने सपनो का साया कैसे दूर हुआ,
सोचा था जिसे अपना वो इस कदर दूर हुआ !
तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी !
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी !
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने !
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी....!!