इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
यादें कटती हैं ले ले कर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठे हैं यह आस पाले,
कि कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा।
हर रोज बहक जाते हैं मेरे कदम,
तेरे पास आने के लिये..
ना जाने कितने फासले तय करने अभी
बाकी है तुमको पाने के लिये..!!!
आँखों के इशारे समझ नही पाते,
होंठो से दिल की बात कह नही पाते,
अपनी बेबसी हम किस तरह कहे,
कोई है जिसके बिना हम रह नही पाते..
इतना प्यार देकर गयी हो हर घड़ी याद आएगा,
दिल से दिल का रिश्ता ये कैसे दिल से मिटाया जाएगा,
हर घड़ी हम करते हैं जिसका इंतेज़ार आने का,
खुदा ज़रूर हमें उनसे एक ना एक दिन मिलाएगा.
वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते..!!
आँखो की गहराई को समज नही सकते,
होंटो से कुछ कह नही सकते,
कैसे बया करे हम आपको यह दिल का हाल की,
तुम्ही हो जिसके बगैर हम रह नही सकते..!!