वक़्त बेवक़्त को नूर कर देता है.
छोटे से ज़ख़्म को नासूर कर देता है.
कोन चाहता है अपनो से जुदा होना,
लेकिन वक़्त सबको मजबूर कर देता है.
तेरे जाने के बाद कुछ अजीब सी कहानी मेरी,
ना कोई जख्म ना कोई निशानी तेरी..
हर कोई पूछता है मुझसे, कहा गयी वो देवानी तेरी....
बस हस कर ये जवाब दे जाता हूँ
वो थी एक अनसुनी कहानी मेरी....
कोई वादा नही फिर भी तेरा इंतेज़ार है,
जुदाई के बाद भी तुमसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुजसे मिलने को तू अब भी बेकरार है.!
Har raat meri tanhai pucha krti hai,
Kaha gyi wo pagli si dewaani teri....
Aur main bs yahi keh pata hu yahi,
Wo hai adhuri kahani meri...
कुछ दूर चले गए, हमारे चाहने वाले
रुठ गये. हमें मनाने वाले!
अब तो हिचकी या भी पूछती है हम से,
कहाँ गए तुझे, रोज याद करने वाले!
हर सुबह की धुप कुछ याद दिलाती है
हर फूल की खुशबू एक जादू जगाती है
मानो ना मानो सच है मेरे यार
सुबह होते ही आपकी याद आ जाती