Kuch alfazon me mai tmhe kaisa bayan krun..................
Tu namaz hai meri....................
Har roz jhuk kar tera sazdaa krun.................
Rom rom kanp utha mera jab mene ek bachche se pucha
zindagi aur mout kya he
usne kaha jab tak maa ka daman raha sanse chalti rahi, aur uska daman uth te hi zindagi mout ban gai
सोच बदल कर देखिए,
जिंदगी बदल जाएगी|
मंदिर में किसे खुश करने जाते है?
जब खुदा घर में ही उदास बैठा है|
वक़्त आँखों से जब नींदे चुरा लेता है,
दर्द आँखों में घरोंदा बना लेता है ।
ज़ख्म यादों के सिरहाने बैठ जाता है ,
माँ की गोद तन्हाई को बना लेता है।।
जिसने तुम्हें जन्म दिया
तुम्हारे अनजान चेहरे को पहचान दिया
तुम्हारे ओठो पे मुस्कान दिया
उसे छोड़
तुम पत्थर में खुदा ढूंढते हो?
ज़िंदगी में उस का दुलार काफ़ी है,
सर पर उस का हाथ काफ़ी है,
दूर हो या पास.. क्या फ़र्क पड़ता है,
माँ का तो बस एहसास ही काफ़ी है..