कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहराएगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है!
दे सलामी इस तिरंगे को
जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका
जब तक दिल मे जान है.
और भी खूबसूरत ,और भी ऊँचा
मेरे देश का नाम हो जाये!
काश की हर हिन्दू विवेकानंद और हर
मुसलमान कलाम हो जाये!
खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश मे दंगा रहने दो!
लाल हारे रंग मे ना बतो हमको,
मेरे छत पे एक तिरंगा रहने दो!
और भी खूबसूरत ,और भी ऊँचा
मेरे देश का नाम हो जाये!
काश की हर हिन्दू विवेकानंद और हर
मुसलमान कलाम हो जाये!
कुछ काम ऐसे होते है जिनमे फायदा या नूकसान नहीं देखा जाता...
बस उन्हें करना जरूरी होता हैं..!!