मेहनत से उठा हूँ, मेहनत का दर्द जानता हूँ,
आसमाँ से ज्यादा जमीं की कद्र जानता हूँ ।
छोटे से बडा बनना आसाँ नहीं होता,
जिन्दगी में कितना जरुरी है सब्र जानता हूँ।
मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी बढ़ चली,
छालों में छिपी लकीरों का असर जानता हूँ।
बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,
आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ!!
काफी कुछ पाया पर अपना कुछ नहीं माना,
क्योंकि एक दिन राख में मिलना है ये जानता हूँ।
अमीर तो हर गली में मिल जाते हैं साहब,
पर ये जमीर वाले बमुश्किल ही मिला करते हैं!!
सितारों को आँखों में महफूज रखना,
बड़ी देर तक रात ही रात होगी,
मुसाफिर हैं हम, मुसाफिर हो तुम भी,
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी।
दरिया ने झरने से पूछा
तुझे समन्दर नहीं बनना है क्या..?
झरने ने बड़ी नम्रता से कहा
बड़ा बनकर खारा हो जाने से अच्छा है
छोटा रह कर मीठा ही रहूँ!
सड़क पर गति की सीमा है।
बैंक में धन की सीमा है।
परीक्षा में समय की सीमा है,
परन्तु विचारों की कोई सीमा नहीं इसलिए सदा बड़ा सोचो और बड़ा हासिल करो।