निगाहो से वो इस दिल में समाएँ,
जब अश्क बहे तो पलकों पर आए,
डर है कहीं वो खो ही ना जाए,
पलकों को अब हम कैसे झुकाए.
इश्क है या इबादत..
अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम
जो दिल से नहीं जाता..
हो सके तो इतना करदो...
तु अपने से लगते हो...ये वहम लिखदो....
या फिर बिते लम्होकी निशाणी लिखदो..
या हो सके तो मुझे गैर लिखदो..
जो रहते हैं दिल मे वो कभी जुदा नही होते,
कुछ एहसास दिल के लफ़ज़ो से बयान ऩही होते,
एक हसरत है की हम भी उनको मनाए कभी,
और एक वो हैं के हमसे कभी खफा नही होते.
Fir Wahi Fasaana Afsaana Sunaati Ho,
Dil Ke Paas Hoon Keh Kar Dil Jalati Ho,
Beqaraar Hai Aatish E Nazar Se Milne Ko,
To Fir Kyon Nahi Pyaar Jataati Ho
है मौसम प्यार का थोड़ा प्यार तो कर लो
करते है मोहब्बत अगर तो बाहों में तो भर लो
चलो मेरे संग सपनो की दुनिया में घूम लो
रोज़ हम चूमा करते हैं आज तुम हमे चूम लो