दिल की धड़कन और मेरी सदा है वो,
मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है वो,
चाहा है उसे मैंने चाहत से बढ़ कर,
मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है वो।
ये आलम शौक़ का देखा न जाये,
वो बुत है या ख़ुदा देखा न जाये,
ये किन नज़रों से तुम ने आज देखा,
कि तेरा देखना देखा ना जाये..!!
दिलबर की दिल-लगी में दिल अपना खो चुके हैं,
कल तक तो खुद के थे आज आप के हो चुके हैं।
नफरतों के जहान में हमको
प्यार की बस्तियां बसानी हैं,
दूर रहना कोई कमाल नहीं,
पास आओ तो कोई बात बने।
सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए,
मदहोश न थे पर मदहोश होते चले गए,
ना जाने क्या बात थी उस चेहरे में,
ना चाहते हुए भी उसके होते चले गए।
जीत किसके लिए हार किसके लिए,
ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए,
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन,
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए..!!