ना जाने कब वो हसीन रात होगी,
जब उनकी निगाहें हमारी निगाहों के साथ होगी,
बैठे है हम उस रात के इंतज़ार मे,
जब उनके होंठो की सुर्खियाँ हमारे होंठो के साथ होगी.
साथ नहीं रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते,
वक़्त की धुंध से लम्हें टूटा नहीं करते,
लोग कहते हे मेरा सपना टूट गया,
टूटती नींद है सपने टुटा नहीं करते!
मनाने की कोशिश तो बहुत की हमनें,
पर जब वो हमारे लफ़्ज ना समझ सके..
तो हमारी खामोशियों को क्या समझेंगे..!!
उसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती हैं,
उसकी आँखें हमें दुनिया भुला देती हैं,
आएगी आज भी वो सपने मैं यारो,
बस यही उम्मीद हमें रोज़ सुला देती हैं...
फांसले जिस्मो को बहुत दूर कर देते हैं
पर दिलों के शहर कभी उजड़ते नही
आँखो से आँखो का रिश्ता टूट जाए तो क्या,
साथ देखे हुए ख्वाब कभी मिटते नही
कसूर तो था ही इन निगाहों का,
जो चुपके से दीदार कर बैठा,
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी,
पर बेवफा ये ज़ुबान इज़हार कर बैठा..!!