*अमीर तो हर गली में मिल जाते हैं साहब*
*पर ये जमीर वाले बमुश्किल ही मिला करते हैं*
अगर वो दरिया-ऐ-हुस्न रखते है
तो हम भी गम-ऐ-सागर रखते है
वो रखते है अगर दामन में, खंज़र-ऐ-बेवफाई
तो हम भी, तन्हाई का गागर रखते है…!!
*कैसे दूर करूं ये उदासी बता दे कोई ,*
*लगा कर सीने से मुझको रूला दे कोई ....!!*
मेरी ज़िन्दगी से खेलने वाले सुन
तेरा भी एक दिन यही हाल होगा
क्या मिलेगी नहीं कभी मुझे मोहोब्बत
तेरे होंठों पर भी एक दिन यही सवाल होगा..!!
कितने अंदाज से किया उसने नज़र अंदाज,
ए खुदा उसके इस अंदाज को नज़र ना लगे||
Koi khusi me rota hai..
Toh koi gam me sota hai..
Ye duniya hai Yaron..
Yahan sab kuch hota hai..