मत रख हमसे वफ़ा की उम्मीद,
हमने हरदम बेवफ़ाई पाई है,
मत ढूँढ हमारे जिस्म पे जख़्मो के निशान
हमने हर चोट दिल पे खाई है!
कौन कहता है की आसुओं मे वजन नही होता,
एक भी छलक जाता है तो मान हल्का हो जाता है
कशिश तोह बहुत है मेरे प्यार मैं,
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलाता नहीं,
अगर मिले खुद तो माँगूंगा उसको,
सुना है ख़ुदा मरने से पहले मिलते नहीं...
जब से जुदा हुये है उनसे हम,
दिल ने हमारा धड़कना छोड़ दिया,
दीवाने कुछ ऐसे थे उनके प्यार में की,
उनके जाने के बाद होटों ने मुस्कुराना छोड़ दिया..!!
रिश्ते बनते रहे, इतना ही बहुत है
सब हँसते रहे, इतना ही बहुत है
हर कोई हर वक्त, साथ नही रह सकता
याद एक दूसरे को करते रहे
इतना ही बहुत है!
न मेरी कोई मंजिल है न कोई किनारा
तन्हाई मेरी महफिल है और यादें मेरा सहारा
तुम से बिछड़ के कुछ यूं वक्त गुजरा कभी
जिंदगी को तरसे कभी मौत को पुकारा..